देश के विभिन्न हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह (22 जुलाई, 2024 से 26 जुलाई, 2024) तक क्या कुछ हुआ, जानने के लिए देखते हैं हाईकोर्ट वीकली राउंड अप। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट पर एक नज़र। कर्मचारी को रिटायरमेंट की तिथि से पहले रिटायर नहीं किया जा सकता, जब तक कि मूल सेवा अभिलेखों में उसकी जन्मतिथि में परिवर्तन न किया जाए: इलाहाबाद हाईकोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि किसी कर्मचारी को उसकी रिटायरमेंट की तिथि से पहले रिटायर नहीं किया जा सकता, जब तक कि मूल सेवा अभिलेखों में ऐसे कर्मचारी की जन्मतिथि में परिवर्तन न किया जाए, जिससे अधिकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त कर सकें।
जांच के लिए पुलिस के समक्ष आरोपी को पेश करने के लिए धारा 73 CrPc के तहत गैर-जमानती वारंट जारी नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि जांच के लिए पुलिस के समक्ष आरोपी को पेश करने के लिए मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 73 CrPc के तहत गैर-जमानती वारंट जारी करना अवैध है, क्योंकि ऐसा वारंट केवल अदालत के समक्ष आरोपी को पेश करने के लिए ही जारी किया जा सकता है।
इसके अलावा न्यायालय ने माना कि धारा 82 CrPc के तहत मजिस्ट्रेट को किसी भी उद्घोषणा को जारी करने से पहले यह मानने के कारण दर्ज करने चाहिए कि कोई व्यक्ति फरार हो गया है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने संबोधित किया कि क्या केवल सरकारी कर्मचारी ही मोटर दुर्घटना मुआवजा दावों में भविष्य की संभावनाओं के अनुदान के उद्देश्य से स्थायी नौकरी में होने के योग्य हैं। जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की पीठ ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति ऐसी नौकरी में है, जिसमें उसका वेतन समय-समय पर बढ़ता है या उसे वार्षिक वेतन वृद्धि आदि मिलती है तो ऐसे व्यक्ति को स्थायी नौकरी में माना जाएगा।